पिछले एक वर्ष के दौरान डीजीसीए की ओर से कुल 63 यात्रियों को "नो फ्लाई लिस्ट" में रखा गया है। यह कार्रवाई एयरलाइन की आंतरिक समितियों की सिफारिश के आधार पर की गई है। इन समितियों को नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं (सीएआर), धारा 3- वायु परिवहन, शृंखला एम और भाग VI के अनुसार गठित किया गया था। इसका शीर्षक "अनियंत्रित / विघटनकारी यात्रियों का प्रबंधन" है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के संज्ञान में पिछले एक वर्ष के दौरान पेशाब करने की दो घटनाएं सामने आईं हैं।
सीएआर ( Civil Aviation Requirements) में उल्लिखित प्रावधान के अनुसार डीजीसीए उड़ान से जुड़ी एक नो फ्लाई लिस्ट जारी करती है। इसमें घटना की तारीख, सेक्टर, उड़ान संख्या, प्रतिबंध लगाए जाने की अवधि आदि शामिल होती है। पिछले एक वर्ष के दौरान नो फ्लाई लिस्ट" में रखे गए अधिकांश यात्रियों पर मास्क नहीं पहनने या चालक दल के सदस्यों के निर्देशों का पालन नहीं करने से संबंधित मामले में कार्रवाई की गई थी।
जहां तक पेशाब से संबंधित विशिष्ट घटनाओं का संबंध है, ऐसे दो मामलों में लागू विनियमों का अनुपालन न करने के लिए नागर विमानन महानिदेशालय की ओर से एयर इंडिया पर करीब 40 लाख का जुर्माना लगाया है। इसके साथ एयर इंडिया के उड़ान सेवाओं के निदेशक पर तीन लाख रुपये का जुर्माना अलग से लगाया गया है।
# घटना संख्या-1
एआई -102 उड़ान, न्यूयॉर्क से नई दिल्ली दिनांक 26.11.2022।
* एअर इंडिया पर 30,00,000/- रुपए (केवल तीस लाख रुपए) का वित्तीय जुर्माना लगाया गया है।
* मैसर्स एअर इंडिया की निदेशक उड़ान सेवाओं पर 3,00,000/- रुपए (तीन लाख रुपए) का वित्तीय जुर्माना लगाया गया है।
* कमान में पायलट का लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित।
# घटना संख्या-2
एआई -142, पेरिस से नई दिल्ली दिनांक 06.12.2022।
* (i) नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा मैसर्स एअर इंडिया पर 10,00,000/- रुपए (केवल दस लाख रुपए) का वित्तीय जुर्माना लगाया गया है।
नागर विमानन राज्यमंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने सोमवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है।