वैश्विक स्तर पर भारत रिसर्च करने वाला चौथा सबसे बड़ा देश है। रिसर्च डाटाबेस साइवल के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 से 2022 के बीच इस क्षेत्र में 54 फीसदी की वृद्धि हुई है। यह आंकड़ा रिसर्च में वैश्विक वृद्धि के दोगुने से भी अधिक है। इस अवधि में करीब 15 फीसदी रिसर्च पेपर शीर्ष जरनल में प्रकाशित हुए हैं। यह खुलासा क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सब्जेक्ट रैंकिंग में हुआ है।
सबसे अधिक शोध कार्य इंजीनियरिंग और तकनीक क्षेत्र में हुए हैं। यह आंकड़ा कुल रिसर्च कार्यों का करीब 52.6 फीसदी है। भारत 19 फीसदी शोध कार्य दो या अधिक देशों के बीच सहयोग से भी कर रहा है। यही कारण है कि हाल के वर्षों में क्यूएस रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालयों का रुतबा बढ़ा है। लंदन में बुधवार को क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सब्जेक्ट रैंकिंग जारी हुई। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सब्जेक्ट रैंकिंग में भारत के 66 विश्वविद्यालयों को जगह मिली है। यह वर्ष 2022 के मुकाबले 18.7 फीसदी ज्यादा है। इस साल भारत के 355 विश्वविद्यालयों ने आवेदन किया था। इसमें से 11 विश्वविद्यालयों को इंस्टीट्यूट ऑफ एमीनेंस में मिली जगह।
विषय वार सूची में भारतीय विश्वविद्यालयों ने कंप्यूटर साइंस, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान विषयों में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है। दुनिया भर में भारत सबसे तेजी से रिसर्च क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहा है। 4.5 लाख शोध पेपर के साथ चीन पहले, 4.4 लाख के साथ अमेरिका दूसरे और 1.4 लाख शोध पेपर के साथ ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है।
इन विषयों में सबसे अधिक शोध
सबसे अधिक जोर पेट्रोलियम इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस (24 फीसदी) क्षेत्र में है। इसके अलावा नेचुरल साइंस (36 फीसदी), लाइफ साइंस और मेडिसिन (35 फीसदी)क्षेत्र के शोध कार्य में है। भारत 19 फीसदी शोध कार्य दो या अधिक देशों के साथ मिलकर भी कर रहा है। शीर्ष 10 सबसे ज्यादा सराहे गए शोध संस्थानों में छह इंस्टीट्यूट आफ इमीनेंस के शोध शामिल हैं।
आईआईटी दिल्ली, बॉम्बे में सुधार तो डीयू में गिरावट
सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज द्वारा पेश किए गए दंत चिकित्सा कार्यक्रम ने ग्लोबल रैंकिंग लेवल पर 13वीं रैंक प्राप्त करने वाले भारतीय संस्थानों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। यह एकमात्र भारतीय विश्वविद्यालय है, जिसने साइटेशन प्रति पेपर और एच इंडेक्ट दोनों में एक सही स्कोर या 100 में से 100 हासिल किया है।
आईआईटी दिल्ली के पांच कोर्स को इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी वर्ग में विश्व स्तर पर पढ़ाई जाने वाले शीर्ष 100 विषयों को शामिल किया गया है। आईआईटी बॉम्बे को इस रैंकिंग में 100 में से 80.4 के समग्र स्कोर के साथ इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में भारत में पहला तो विश्व में 47वां स्थान मिला है।