केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती में अधिक वजन वाले उम्मीदवारों के मेडिकल रिकॉर्ड में हेरफेर के आरोप में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) और छह अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इसमें बीएसएफ अधिकारियों और उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। आरोप है कि रिकॉर्ड में दस किलो तक वजन कम कर दिया गया था।
सीबीआई की एफआईआर में बीएसएफ कोलकाता के सीएमओ डॉ. एसके झा, जोधपुर बीएसएफ सीएमओ डॉ. मृणाल हजारिका, बीएसएफ जालंधर में स्पेशलिस्ट डॉ. बानी साइकिया चेटला, विक्रम सिंह देवतिया, गगन शर्मा, गुरजीत सिंह जुनेजा, मुकुल व्यास और अज्ञात व्यक्तियों के नाम हैं। सीबीआई ने प्राथमिकी में बीएसएफ की एक जांच रिपोर्ट को आधार बनाया है। इसमें पाया गया कि चिकित्सा अधिकारी चयन बोर्ड (एमओएसबी-2021) के माध्यम से गृह मंत्रालय ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती के लिए नोडल बल के रूप में नामित किया था। सीएपीएफ के विभिन्न केंद्रों पर भर्ती परीक्षा हुई थी।
91 से 81 किलो हुआ वजन
बीएसएफ के अतिरिक्त डीजी पीवी राम शास्त्री ने 10 मार्च, 2022 को साक्षात्कार बोर्ड की अध्यक्षता की थी। उन्होंने आईटीबीपी को सूचित किया कि कुछ अधिक वजन वाले उम्मीदवार जिन्हें मेडिकल परीक्षा टेस्ट बोर्ड ने अयोग्य पाया था बाद में समीक्षा परीक्षा में फिट घोषित कर दिए गए। उन्होंने बताया कि एक मामले में 5 मार्च 2022 को उम्मीदवार का वजन 91.820 किलो पाया गया था और तीन दिन बाद 8 मार्च की रिपोर्ट में उसका वजन 81 किलो हो गया।