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हुरुन इंडिया फ्यूचर यूनिकॉर्न से रिकॉर्ड 25 भारतीय स्टार्टअप बाहर; 38 नई कंपनियों को मिली जगह


સાંજ સમાચાર

फ्यूचर यूनिकॉर्न सूची से रिकॉर्ड 25 स्टार्टअप बाहर हुए हैं। वहीं इस बार  38 नए को मिली जगह मिली। हुरुन इंडिया फ्यूचर यूनिकॉर्न सूची-2024 में रिकॉर्ड 25 भारतीय स्टार्टअप बाहर हो गए हैं। तब जब देश के फ्यूचर यूनिकॉर्न का कुल मूल्यांकन बढ़कर 58 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। ये सालाना आधार पर 1.8 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है। हालांकि 38 नए स्टार्टअप (फ्यूचर यूनिकॉर्न) इस सूची में पहली बार शामिल हुए हैं।एएसके प्राइवेट वेल्थ हुरुन इंडिया फ्यूचर यूनिकॉर्न सूची-2024 बृहस्पतिवार को जारी की गई।

इसके मुताबिक फंडिंग विंटर, वित्तीय नियामकों की ओर से की गई कार्रवाई और उद्यमों की लाभप्रदता के प्रति पूर्वाग्रह की वजह से ये स्टार्टअप बाहर हुए हैं। 25 स्टार्टअप में पांच गजेल (50 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्यांकन) और 20 चीता (20 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्यांकन) भी शामिल हैं, जिनमें तीन से पांच साल में यूनिकॉर्न बनने की संभावना थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 की सूची में जो 38 नए स्टार्टअप शामिल हुए हैं, उनमें सात गजेल और 37 चीता शामिल हैं।अभी देश में कुल 67 यूनिकॉर्न देश में यूनिकॉर्न और गजेल की संख्या में गिरावट आई है। हालांकि चीता की संख्या बढ़ी है। वर्तमान में भारत में कुल 67 यूनिकॉर्न है, जिनकी संख्या 2023 में 68 थी। गजेल की संख्या भी 2023 के 51 की तुलना में घटकर 46 रह गई है। हालांकि, चीता की संख्या 96 से बढ़कर 106 पहुंच गई है।

डुंजो, प्रैक्टो, रैपिडो, कोगोपोर्ट, नियोग्रोथ, सिंपल एनर्जी, गाना, कू, बिजोंगो जों, जार, पार्क प्लस, पेपर बोट, जय किसान, डॉटपे, फैशिन्जा, आरजू, अवतार, सिरियनलैब्स, वेकूल, एक्सियो, मेलोरा, अल्ट्रा वॉयलेट, एमफाइन और रिन्यूबाय।

31 शहरों से 152 ऐसे स्टार्टअप पाए गए, जिनमें भविष्य में यूनिकॉर्न बनने की संभावना है। ये वित्तीय सेवा, बिजनेस मैनेजमेंट सॉल्यूशंस, शिक्षा और हेल्थकेयर क्षेत्र में काम करते हैं। अधिकांश स्टार्टअप की शुरुआत 2015 में हुई है। इनमें सिर्फ 18 ऐसे हैं, जो फिजिकल रूप से उत्पाद बेचते हैं।

भारतीय प्रौद्योगिकी स्टार्टअप ने 2024 की पहली छमाही में कुल 4.1 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई है। यह राशि 2023 की दूसरी छमाही में जुटाए गए 3.96 अरब डॉलर की तुलना में चार फीसदी अधिक है, जबकि पिछले साल की समान छमाही के 4.8 अरब डॉलर से 13 फीसदी कम है। n ट्रैक्सन की रिपोर्ट के मुताबिक, 4.1 अरब डॉलर के साथ भारत अब भी प्रौद्योगिकी स्टार्टअप परिदृश्य में दुनिया में चौथा सबसे अधिक फंडिंग पाने वाला देश बना हुआ है। n कुल फंडिंग पाने में अमेरिकी स्टार्टअप सबसे आगे रहे हैं। ब्रिटेन दूसरे और चीन तीसरे स्थान पर है।

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