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अमेरिका में चौगुने हुए तेलुगू, घर जैसा माहौल मिलने लगा तो धड़ाधड़ जाने लगे आंध्र-तेलंगाना के छात्र


સાંજ સમાચાર

हैदराबाद: अमेरिका जाने वाले तेलुगू छात्रों को इस साल पहले से कहीं ज्यादा घर जैसा महसूस होने की संभावना है। अमेरिका में तेलुगू बोलने वालों की आबादी में तेजी से इजाफा हुआ है। यहां 2016 में तेलुगू भाषियों की संख्या 3.2 लाख थी। जो कि 2024 में बढ़कर 12.3 लाख हो गई है। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के आंकड़ों पर आधारित यूएस की सांख्यिकी एटलस रिपोर्ट के अनुसार, इस आबादी में चौथी पीढ़ी के अप्रवासी से लेकर हाल ही में आए छात्र शामिल हैं।

कैलिफोर्निया में सबसे ज्यादा तेलुगू बोलने वाली आबादी है। जो करीब 2 लाख है। उसके बाद टेक्सास (1.5 लाख) और न्यू जर्सी (1.1 लाख) का स्थान आता है। इलिनॉयस (83,000), वर्जीनिया (78,000) और जॉर्जिया (52,000) जैसे राज्यों में भी तेलुगू राज्यों के लोगों की अच्छी खासी तादाद है। डेटा से पता चलता है कि इनमें से हर राज्य में संख्या में लगभग चार गुना वृद्धि देखी गई है। स्थानीय तेलुगू संघों का कहना है कि ये संख्या उनके अपने अनुमानों के अनुरूप है।

हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल 60,000 से 70,000 छात्र अमेरिका आते हैं। इसके साथ ही करीब 10,000 एच1बी वीजा धारक भी आते हैं। तेलुगू एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका के पूर्व सचिव अशोक कोल्ला ने बताया कि उनमें से करीब 80% हमारे साथ रजिस्टर्ड हैं। उनमें से 75% से ज़्यादा लोग यहां अमेरिका में बस जाते हैं।

ज्यादातर डैलस, बे एरिया, नॉर्थ कैरोलिना, न्यू जर्सी, अटलांटा, फ्लोरिडा और नैशविले में रहते हैं। पुरानी पीढ़ी के लोग मुख्य रूप से उद्यमी हैं। जबकि 80% से ज्यादा युवा पीढ़ी आईटी और फाइनेंस सेक्टर में है। तेलुगु भाषा का प्रभाव इतना बढ़ गया है कि यह अब अमेरिका में 350 भाषाओं में से 11वीं सबसे ज्यादा बोली जाने वाली विदेशी भाषा है। हिंदी और गुजराती से पहले तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भारतीय भाषा है।

डेटा एनालिस्ट की नौकरी के लिए टेक्सास चले गए युवा प्रोफेशनल विनय के ने कहा कि जब मैं पिछले साल डैलस गया तो मुझे घर जैसा ही महसूस हुआ। मेरे पीजी से लेकर मेरे ऑफिस तक, सड़कों से लेकर मॉल तक, मैं तेलुगु लोगों से घिरा हुआ था। भारत में मेरे ज्यादातर सहकर्मी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से हैं। इससे मुझे घर बसाने में मदद मिली और घर की याद नहीं आई।

डेटा एनालिस्ट की नौकरी के लिए टेक्सास चले गए युवा प्रोफेशनल विनय के ने कहा कि जब मैं पिछले साल डैलस गया तो मुझे घर जैसा ही महसूस हुआ। मेरे पीजी से लेकर मेरे ऑफिस तक, सड़कों से लेकर मॉल तक, मैं तेलुगु लोगों से घिरा हुआ था। भारत में मेरे ज्यादातर सहकर्मी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से हैं। इससे मुझे घर बसाने में मदद मिली और घर की याद नहीं आई।

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से सबसे ज्यादा छात्रइंडियन मोबिलिटी रिपोर्ट 2024 के अनुसार, अमेरिका में भारतीय छात्रों का सबसे बड़ा समूह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से है। कुल छात्र समूह का 12.5% हिस्सा यहीं से आता है।

इतना ही नहीं केंट स्टेट यूनिवर्सिटी ने अपने नए बैचों का स्वागत विद्यार्दुलकु स्वागतम (छात्रों का स्वागत) लिखे संकेतों के साथ करना शुरू कर दिया है। न्यू जर्सी में आईटी में मास्टर की पढ़ाई कर रही इंद्रा वर्सिनी ने कहा कि मैं इस भाव से अभिभूत हूं। मुझे लगता है कि मैं अपने लोगों से बहुत दूर नहीं हूं।

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