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Cannes में इंडिया ने रचा इतिहास, मेरठ की मानसी माहेश्वरी और FTII के स्टूडेंट की फिल्मों ने जीते अवॉर्ड


સાંજ સમાચાર

मेरठ की मानसी की शॉर्ट फिल्म ने जहां तीसरा तो वहीं FTII स्टूडेंट ने फर्स्ट प्राइज जीताइस बार कान फिल्म फेस्टिवल में वो देखने को मिला है, जो पिछले 78 सालों में देखने को नहीं मिला। कान फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत 1946 में हुई थी, लेकिन इस बार दुनियाभर के 555 फिल्म स्कूलों की एंट्री भी ली गईं।

इन फिल्म स्कूलों ने कान फिल्म फेस्टिवल में 2,263 एंट्री भेजी थीं, जिनमें से सिर्फ 18 ही चुनी गईं। और इन 18 फिल्मों में जो दो फिल्में चुनी गई हैं, वो इंडिया की हैं, और देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है।

यह पहली बार है जब कान फिल्म फेस्टिवल में इंडिया की दो फिल्मों ने अवॉर्ड जीता।मेरठ की मानसी माहेश्वरी की शॉर्ट फिल्म 'बनीहुड' ने कान में खूब तारीफें बटोरीं और ला सिनेफ कैटिगरी में तीसरा प्राइज जीता। वहीं FTII पुणे के एक स्टूडेंट की शॉर्ट फिल्म ने इसी कैटिगरी में फर्स्ट प्राइज जीता।

77th Cannes Film Festival में मेरठ की Mansi Maheshwari छा गईं। उनकी बनाई शॉर्ट फिल्म Bunnyhood को देख वहां सभी ने तारीफ की। वह ब्रिटेन से ग्रेजुएशन कर रही हैं। शॉर्ट फिल्म में मानसी माहेश्वरी ने अपनी मां की सर्जरी की कहानी बताई, जिसने सभी कि दिलों को छू लिया। 'दैनिक भास्कर' मानसी माहेश्वरी ने कहा कि उनकी मां की सर्जरी का बात उनसे छुपाई गई थी। उसी से प्रेरणा लेकर उन्होंने 'बनीहुड' बनाई, जिसमें जिंदगी की सच्चाई दिखाई है।

ब्रिटेन से ग्रेजुएशन करने से पहले मानसी माहेश्वरी NIFT, दिल्ली से निटवेयर की पढ़ाई कर रही थीं। यहीं पर उन्होंने फिल्में बनाना शुरू कर दिया। मानसी मेरठ की रहने वाली हैं और उन्होंने शुरुआती पढ़ाई वहीं से की। वह दिल्ली पब्लिक स्कूल की 12वीं क्लास की टॉपर रही हैं।

मानसी ने बताया कि उन्हें बचपन में कार्टून देखने का बहुत शौक था, और इसलिए उन्होंने अपनी शॉर्ट फिल्म को एनिमेटेड वर्जन में बनाने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने सेल ऐनिमेशन, बटर पेपर और फ्रॉस्टेड एसीटेट का इस्तेमाल किया। मानसी ने बताया कि उनकी फिल्म इस सब्जेक्ट पर आधारित है कि इंसान को कौन से हालात झूठ बोलने पर मजबूर करते हैं और वह कब और क्यों झूठ बोलता है। मानसी खुश हैं कि कान में उनकी फिल्म को तवज्जो दी गई। वह मानती हैं कि एनिमेशन इफेक्ट और फिल्म के सब्जेक्ट के कारण इसे कान फिल्म फेस्टिवल में अवॉर्ड के लिए चुना गया।

वहीं, मानसी के अलावा पुणे के एफटीआईआई के छात्र ने La Cinef कैटिगरी में पहला प्राइज जीता। यह 15 मिनट की एक कन्नड़ शॉर्ट फिल्म है, जो कर्नाटक की एक लोक कथा पर बेस्ड है। इसे डॉक्टर और फिल्ममेकर चिदानंद नायक ने डायरेक्ट किया।

इस शॉर्ट फिल्म को टीवी यूनिट कोर्स के फाइनल ईयर के स्टूडेंट सूरज ठाकुर ने शूट किया था, जबकि मनोज वी ने एडिट की और साउंड डिजाइन अभिषेक कदम ने किया। फर्स्ट प्राइज के तौर पर उन्हें 13.5 लाख रुपये मिले।

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