केरल में वायरस का बढ़ा प्रकोप, केंद्रों ने राज्यों को बचाव के उपाय करने के निर्देश जारी किए

Hindi | 01 June, 2024 | 01:25 PM
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नए वायरस एच5एन1 के मामले सामने आने के बाद केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निवारक उपाय करने के निर्देश दिए हैं। पशुपालन और डेयरी विभाग और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र द्वारा सभी राज्यों के लिए 20 मई को संयुक्त सलाह दी। जिसमें सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और निजी चिकित्सकों को एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू के संकेत, लक्षण और उपाय के बारे में जानकारी देने को कहा गया। 

नए वायरस एच5एन1 के मामले सामने आने के बाद केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निवारक उपाय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्यों को सलाह दी गई कि सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता और निजी चिकित्सकों को एवियन इन्फ्लूएंजा, बर्ड फ्लू के संकेत और लक्षणों की जानकारी दी।

 देश में इन दिनों वायरस एच5एन1 के प्रकोप से बचने की कवायद जारी हैं। केंद्र सरकार इसके लिए अलर्ट मोड पर है, साथ ही केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को भी अलर्ट किया है। पशुपालन और डेयरी विभाग और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र द्वारा सभी राज्यों के लिए 20 मई को संयुक्त सलाह दी। जिसमें सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और निजी चिकित्सकों को एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू के संकेत, लक्षण और उपाय के बारे में जानकारी देने को कहा गया।

बता दें के राज्यों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए कि घरेलू पक्षियों के असामान्य तरीके से हो रही मौतों से सतर्क रहें। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के मामलों की जानकारी साझा की जाए ताकि एवियन इन्फ्लूएंजा के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्रवाई शुरू की जा सके। साथ ही राज्यों को सभी पोल्ट्री प्रतिष्ठानों, चिड़ियाघरों और बाजारों में जैव सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के भी निर्देश हैं।

इसके अलावा खेतों तक पहुंच को प्रतिबंधित, कीटाणुनाश फुटबाथ और सुरक्षात्मक कपड़ों के उपयोग सहित सख्त स्वच्छता प्रोटोकॉल को लागू करने के लिए कहा। वहीं जंगली पक्षियों और घरेलू मुर्गियों के बीच संपर्क को रोकने के उपाय लागे करने के लिए भी निर्देश दिए हैं।

जिन राज्य में एवियन इन्फ्लूएंजा का सक्रिय प्रकोप है, वहां सलाह में एच5एन1 परीक्षण के लिए स्वच्छता संचालन के बाद पांचवें और दसवें दिन निगरानी कार्यकर्ताओं से नमूने एकत्र करने के निर्देश दिए। राज्यों से संदिग्ध मानव मामलों के लिए निगरानी करने और कल्लर और मुर्गीपालन श्रमिकों के लिए 10 दिन की स्वास्थ्य जांच कराई जाए।

राज्य को निवारक उपायों के बारे में आम जनता के बीच सूचना, शिक्षा और संचार उपकरण बढ़ाने के लिए कहा गया है। एनसीडीसी, आईसीएमआर और डीएएचडी के सहयोग से एवियन इन्फ्लूएंजा के लिए गीले बाजारों, बूचड़खानों, पोलट्री फार्म आदि में निगरानी बढ़ाई है, साथ ही सीवेज के नमूनों, जल निकायों, कौवों की भी निगरानी की जानी चाहिए।

राज्यों से यह भी कहा गया कि परीक्षण के लिए नमूने एकत्र होते ही डीएएचडी और स्वास्थ्य मंत्रालय को सूचना दें। राज्यों से कहा कि वे स्वास्थ्य मंत्रालय के एसएआरआई निगरानी के दिशा-निर्देशों को कड़ाई से पालन करें।

सलाह में कीमोप्रोफिलैक्सिस, प्रबंधन और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण के उपयोग के उपायों को लागू करने की सिफारिश की गई। साथ ही इसने राज्यों से संदिग्ध मामलों से नमूने एकत्र करने और उन्हें प्रयोगशालाओं तक पहुंचाने के लिए एसओपी का पालन करने को कहा गया है।

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