बेटियों को गुजारा भत्ता देने के आदेश के खिलाफ दाखिल अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि पत्नी को चरित्रहीन साबित करने के लिए बच्चों का डीएनए टेस्ट नहीं करा सकते।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी को बदचलन साबित करने के लिए बेटियों के डीएनए टेस्ट की मांग करने वाले डॉक्टर पति को जोर का झटका दिया है। बेटियों को गुजारा भत्ता देने के आदेश के खिलाफ दाखिल अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि पत्नी को चरित्रहीन साबित करने के लिए बच्चों का डीएनए टेस्ट नहीं करा सकते। डीएनए टेस्ट भरण पोषण से बचने का हथियार नहीं है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी को बदचलन साबित करने के लिए बेटियों के डीएनए टेस्ट की मांग करने वाले डॉक्टर पति को जोर का झटका दिया है। बेटियों को गुजारा भत्ता देने के आदेश के खिलाफ दाखिल अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि पत्नी को चरित्रहीन साबित करने के लिए बच्चों का डीएनए टेस्ट नहीं करा सकते। डीएनए टेस्ट भरण पोषण से बचने का हथियार नहीं है।
इस बीच उन्हें दो बेटियां हुईं। 2017 में रिश्तों में दरार आ गई। शाजिया अपने मायके आ गई। इस बीच, शाजिया ने गुजारा भत्ता की मांग को लेकर ग्राम न्यायालय पटियाली में वाद दाखिल किया। पति ने आपत्ति करते हुए पत्नी पर व्यभिचार का आरोप लगा दिया। आरोप को सिद्ध करने के लिए उसने अपनी दोनों बेटियों का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की।
डीएनए टेस्ट भरण पोषण से बचने का हथियार नहीं है। डीएनए जांच बच्चों के हित में की जानी चाहिए, न कि माता-पिता के। मां को व्यभिचारी सिद्ध करने के लिए उसके बच्चों को मोहरा नहीं बनाया जा सकता।
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