भारतीय लड़कियों के नाम पर फेक अकाउंट बना डिफेंस अफसरों को फंसा रहे पाकिस्तानी जासूस

Hindi | 17 June, 2024 | 10:04 AM
સાંજ સમાચાર

नागपुर : पाकिस्तानी जासूसों का एक समूह सोशल मीडिया पर एक्टिव है। यह ग्रुप आकर्षक भारतीय महिलाओं के नामों से फेक प्रोफाइल बना रहा है और भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों के अधिकारियों को अपने जाल में फंसा रहा है। यह खुलासा ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) की नागपुर यूनिट के पूर्व वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल के अदालती दस्तावेजों से हुआ है।

निशांत अग्रवाल को हाल ही में सैन्य गोपनीय जानकारी लीक करने के आरोप में दोषी ठहराकर सजा सुनाई गई है। भरतीय आवाज वाली सेजल कपूर, आरोही आलोक, अदिति आरोन, अदिति अग्रवाल, अनामिका शर्मा, दिव्या चंदन रॉय, नेहा शर्मा और पूजा रंजन पर कई लोग फ़िदा हो सकते हैं। अग्रवाल ने भी छह साल पहले ऐसा ही किया था।

उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते (यूपी-एटीएस) ने अक्टूबर 2018 में अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। यूपी के मूल निवासी को इस महीने की शुरुआत में नागपुर की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

यूपी-एटीएस जांच अधिकारी पंकज अवस्थी ने अग्रवाल के मुकदमे के दौरान अपनी गवाही में कहा कि 'सेजल' नामक एक महिला ने पाकिस्तान से फेसबुक अकाउंट बनाया था। इसके जरिए वह पाकिस्तानी गुर्गों और अपने भारतीय लक्ष्यों से चैट करती थी।चैट से पता चला कि वह एक ऐसे समूह का हिस्सा थी जो भारतीय रक्षा कर्मचारियों को धोखा देने के लिए डेटा और टिप्स साझा करता था। अवस्थी ने कहा कि चैट में से एक से पता चला कि समूह साइबर हमला करने की कोशिश कर रहा था।

पंकज अवस्थी के अनुसार, सेजल ने निशांत को बताया था कि वह ब्रिटेन की एक कंपनी में काम करती है। इसके अलावा उसने खुद को मैनचेस्टर की छात्रा के रूप में भारतीय वायुसेना के एक पूर्व कर्मचारी के रूप में पेश किया था।

अग्रवाल के लिए सेजल यू.के. की हेस एविएशन में रिक्रूटर थी। अग्रवाल की प्रोफ़ाइल में बताया गया था कि वह ब्रह्मोस एयरोस्पेस में सीनियर सिस्टम इंजीनियर था। वह दो अन्य व्यक्तियों, नेहा शर्मा और पूजा रंजन के साथ भी फ़ेसबुक पर दोस्त था, जिनके अकाउंट भी पाकिस्तान से सक्रिय थे।

अग्रवाल ने लिंक्ड-इन पर सेजल से भी चैट की थी, जहां सेजल ने उसे काम पर रखने में दिलचस्पी दिखाई थी। अवस्थी ने अदालत को बताया कि सेजल के निर्देश पर अग्रवाल ने उसके भेजे लिंक पर क्लिक किया और 2017 में अपने निजी लैपटॉप पर तीन ऐप क्यूव्हिस्पर, चैट टू हायर और एक्स-ट्रस्ट - इंस्टॉल किए।

ये ऐप मैलवेयर थे, जिन्होंने अग्रवाल के लैपटॉप से डेटा चुराया था, जिसमें गोपनीय जानकारी थी। अवस्थी ने अदालत को बताया कि सेजल और अन्य जासूसों ने अन्य रक्षा अधिकारियों से भी संपर्क करने की कोशिश की थी।

लखनऊ के रहने वाले पूर्व वायुसेना अधिकारी के मामले में, जांचकर्ताओं को उनके और सेजल के बीच रोमांटिक चैट मिली। हालांकि, अधिकारी को आरोपी के रूप में शामिल नहीं किया गया। सेजल ने डेटा चुराने वाला मैलवेयर क्यूव्हिस्पर भी इस अधिकारी को भेजा था। हालांकि, उनके निजी लैपटॉप में कोई गुप्त रिकॉर्ड या अपराध का सबूत नहीं मिला। अधिकारी ने सेजल से बातचीत की बात स्वीकार की।

बचाव पक्ष (अग्रवाल) के वकील चैतन्य बर्वे की जिरह में अवस्थी ने कहा कि उन्होंने भारतीय वायुसेना के जवान के लैपटॉप को फोरेंसिक जांच के लिए नहीं भेजा था। जांच में पता चला कि अधिकारी ने डिवाइस को फॉर्मेट कर दिया था। जांच से पता चला कि सेजल अमृतसर में एक अन्य पूर्व भारतीय वायुसेना कर्मचारी के संपर्क में थी और उसने अपना मोबाइल नंबर उसके साथ साझा किया था। अवस्थी के अनुसार, अमृतसर के भारतीय वायुसेना अधिकारी ने भी कोई अपराध नहीं किया था और इसलिए उसे गिरफ्तार नहीं किया गया।

Related News
Sports News
Loading...
Facebook Twitter LinkedIn Pinterest
Get In Touch

Rajkot - Head Office, Sanj Samachar Corporate House, 2nd Floor, Kasturba Road, Near Sharda Baug
Rajkot-360001

0281-2473911-12-13

[email protected]

Privacy-policy
Keep In Touch

Subscribe to Our Newsletter to get Important News & Offers

Download App from

Download android app - Sanj Download ios app - Sanj